दिल्ली की यमुना नदी को साफ और फिर से ज़िंदा करने के लिए एक बड़ा कदम उठाया गया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने एक अहम मीटिंग में ‘क्लीन यमुना‘ प्रोजेक्ट पर बातचीत की। इस बैठक में तय किया गया कि यमुना को साफ करने के लिए ₹9,000 करोड़ खर्च किए जाएंगे।
यह बैठक करीब डेढ़ घंटे तक चली और इसमें यमुना को प्रदूषण से मुक्त करने के लिए कई बड़े फैसले लिए गए। इस मिशन का मकसद है कि आने वाले कुछ सालों में यमुना को इतना साफ किया जाए कि वह फिर से एक बहती और सुंदर नदी की तरह दिखे।
क्या-क्या होगा इस योजना में?
- नालों की सफाई और सीवरेज सिस्टम मजबूत होगा
दिल्ली में यमुना में गिरने वाले 360 से ज्यादा नालों की पहचान की गई है। इनमें से 22 बड़े नालों की ड्रोन से निगरानी की जाएगी। इन नालों से आने वाला गंदा पानी रोका जाएगा ताकि यमुना में सीधा गंदा पानी न जाए। - सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) की क्षमता बढ़ेगी
यमुना में सबसे ज्यादा गंदगी सीवर के गंदे पानी से आती है। इस प्रोजेक्ट के तहत सीवर ट्रीटमेंट की मौजूदा क्षमता 600-700 MGD (मिलियन गैलन प्रतिदिन) से बढ़ाकर 1250-1500 MGD की जाएगी, ताकि गंदा पानी ट्रीट होकर ही नदी में जाए। - नजफगढ़ और शाहदरा नालों पर खास ध्यान
नजफगढ़ नाले से ही करीब 800 MGD गंदा पानी यमुना में गिरता है। इसे कंट्रोल करने के लिए खास प्लान बनाया गया है। दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश मिलकर इस पर काम करेंगे। - हर महीने पानी की जांच
यमुना में डाले जा रहे ट्रीट किए गए पानी की हर महीने जांच होगी ताकि ये सुनिश्चित किया जा सके कि पानी साफ है या नहीं। इसके लिए थर्ड पार्टी एजेंसी को ज़िम्मेदारी दी जाएगी। - बोरवेल और डेयरियों पर भी कड़ाई
दिल्ली में अनधिकृत बोरवेल और गाय-भैंस की डेयरियों से भी बहुत गंदगी फैलती है। अब इन पर भी ध्यान दिया जाएगा और इनके कचरे का सही तरीके से प्रबंधन किया जाएगा। - बारिश का पानी जमा कर नदी में छोड़ा जाएगा
मानसून के समय जो बारिश का पानी बेकार बह जाता है, उसे अब स्टोर किया जाएगा और यमुना में छोड़ा जाएगा ताकि नदी का water level ठीक रहे।
राज्य मिलकर करेंगे काम
अमित शाह ने कहा कि ये काम सिर्फ दिल्ली सरकार का नहीं है, बल्कि हरियाणा और उत्तर प्रदेश को भी इसमें हिस्सा लेना होगा। यमुना सिर्फ दिल्ली की नहीं, पूरे उत्तर भारत की धरोहर है।
कब तक पूरा होगा प्रोजेक्ट?
सरकार का लक्ष्य है कि साल 2026-27 तक इस योजना को पूरी तरह लागू कर दिया जाए और यमुना एक साफ और स्वच्छ नदी के रूप में सामने आए।
‘क्लीन यमुना’ मिशन न सिर्फ पर्यावरण की रक्षा करेगा, बल्कि दिल्ली के लोगों को एक स्वच्छ वातावरण और बेहतर पानी देगा। अगर ये योजना समय पर और पूरी ईमानदारी से लागू होती है, तो आने वाले कुछ सालों में हम यमुना को एक साफ और बहती नदी के रूप में देख सकेंगे।