पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बुधवार को केंद्रीय खाद्य मंत्री प्रह्लाद जोशी से मुलाकात की और राज्य की कई अहम मांगों को लेकर बातचीत की। सीएम मान ने खासतौर पर ₹9,000 करोड़ से ज्यादा की लंबित ग्रामीण विकास फंड (RDF) और मंडी फीस की राशि को तुरंत जारी करने की मांग की।
ग्रामीण विकास पर असर
यह मुलाकात जोशी के दिल्ली स्थित आवास पर हुई, जहां मुख्यमंत्री ने बताया कि किसान और गांवों से जुड़े कई विकास कार्य सिर्फ इस राशि के अटकने की वजह से रुक गए हैं। उन्होंने कहा कि RDF की रकम पिछले 2021-22 खरीफ सीजन से जारी नहीं की गई है। पंजाब सरकार ने केंद्र की गाइडलाइंस के अनुसार अपना Punjab Rural Development Act भी संशोधित कर दिया है, इसके बावजूद अभी तक ₹7,737.27 करोड़ RDF और ₹1,836.62 करोड़ मंडी फीस की बकाया राशि जारी नहीं हुई।
मान ने बताया कि मंडी बोर्ड और ग्रामीण विकास बोर्ड आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं और लोन चुकाने में भी परेशानी हो रही है। उन्होंने मांग की कि यह फंड जल्द से जल्द जारी किए जाएं ताकि गांवों की सड़कों, मंडियों में गोदामों और दूसरी मूलभूत सुविधाओं का विकास किया जा सके।
स्टोरेज की भारी कमी
मुख्यमंत्री ने राज्य में चावल स्टोरेज की कमी को लेकर भी चिंता जताई। उन्होंने बताया कि गोदामों की कमी के चलते चावल की डिलीवरी की समयसीमा 30 सितंबर 2024 तक बढ़ानी पड़ी, जिससे राइस मिलर्स को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
हालांकि अब तक 107 लाख मीट्रिक टन चावल FCI को दिया जा चुका है, लेकिन अभी भी 10 लाख मीट्रिक टन बाकी है। जुलाई 2025 तक कम से कम 15 लाख मीट्रिक टन चावल की मूवमेंट जरूरी है ताकि अगले सीजन की खरीद प्रक्रिया में कोई बाधा न आए।
गेहूं के गोदाम बनें चावल स्टोरेज
स्टोरेज संकट को हल करने के लिए मान ने सुझाव दिया कि गेहूं के गोदामों को चावल स्टोरेज में बदला जाए, जिससे कम से कम 7 लाख मीट्रिक टन अतिरिक्त जगह मिल सकेगी। उन्होंने कहा कि यह तरीका पूरे देश में लागू किया जा सकता है।
आढ़ती कमीशन में बदलाव की मांग
सीएम ने “आढ़ती” कमीशन को लेकर भी सवाल उठाए। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने धान के लिए ₹45.88 और गेहूं के लिए ₹46 प्रति क्विंटल कमीशन तय किया है, जबकि पंजाब की मंडी बोर्ड की बाइलॉज के मुताबिक 2.5% कमीशन होना चाहिए। उन्होंने इस दर को बदलने की अपील की ताकि किसानों और आढ़तियों में असंतोष न फैले।
धान की खरीद जल्दी शुरू करने की अपील
मुख्यमंत्री ने केंद्र से धान की खरीद प्रक्रिया 15 दिन पहले यानी 15 सितंबर से शुरू करने की मांग की, जिससे किसानों को फसल बेचने में आसानी हो और अनाज की नमी भी कम रहे।
FCI से जुड़ी अन्य मांगें
मुख्यमंत्री ने FCI से जुड़ी कई अन्य मुद्दे भी उठाए, जिनमें शामिल हैं:
- 46 लाख मीट्रिक टन गोदाम निर्माण के लिए बनी हाई लेवल कमेटी की बैठक जल्द बुलाई जाए।
- 5 लाख मीट्रिक टन स्टोरेज की स्वीकृति तो मिल चुकी है लेकिन बाकी प्रक्रिया अटकी हुई है।
- 2022-23 में FRK (fortified rice) की गुणवत्ता को लेकर रिजेक्ट चावल के लिए एक बार के लिए स्टोरेज चार्जेस की वापसी की मांग।
- हर साल ₹1,200 करोड़ का कैश क्रेडिट लिमिट (CCL) गैप, जिसे PPI (Procurement Incidentals) की कमी के कारण केंद्र और FCI पूरा नहीं कर रहे।
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने केंद्र से स्पष्ट कहा कि अगर इन मुद्दों पर जल्द फैसला नहीं हुआ, तो किसानों, आढ़तियों और पूरी कृषि व्यवस्था पर बुरा असर पड़ सकता है। उन्होंने भरोसा जताया कि केंद्र इस दिशा में जल्द जरूरी कदम उठाएगा।