पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार आने के बाद शिक्षा के क्षेत्र में बड़े स्तर पर बदलाव देखने को मिल रहे हैं। पंजाब के शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि राज्य के स्कूलों की हालत अब पहले जैसी नहीं रही, बल्कि अब सरकारी स्कूल शिक्षा के हर मोर्चे पर देशभर में मिसाल बन रहे हैं।
पंजाब बना शिक्षा में नंबर वन
हरजोत बैंस ने कहा कि भारत सरकार के राष्ट्रीय स्तर के सर्वेक्षण (नेशनल असेसमेंट सर्वे) में पंजाब ने पूरे देश में पहला स्थान हासिल किया है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, पंजाब के सरकारी स्कूलों ने न केवल राज्य के निजी स्कूलों, बल्कि केंद्र सरकार के केन्द्रीय विद्यालयों (KVs) और अन्य प्रतिष्ठित संस्थानों को भी पीछे छोड़ दिया है।
‘मिशन समर्थ’ बना गेमचेंजर
मंत्री बैंस ने बताया कि राज्य में ‘मिशन समर्थ’ के तहत उन छात्रों को चिन्हित किया गया जो अपनी कक्षा के अनुसार पढ़ने, लिखने और गणित में कमजोर थे। इन छात्रों को विशेष सहयोग और गाइडेंस दी गई, जिसका नतीजा आज सबके सामने है। विशेष रूप से तीसरी कक्षा के विद्यार्थियों ने 100 में से 80 अंक हासिल कर एक नया कीर्तिमान रचा, जबकि देश का औसत 60-65 अंक रहा।
स्कूलों का नया स्वरूप
हरजोत बैंस ने बताया कि 2022 में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद, राज्य के स्कूलों का पूरी तरह से कायाकल्प किया गया है।
उन्होंने बताया:
- नए क्लासरूम और स्मार्ट लैब्स बनाए गए हैं
- सेफ्टी गार्ड, कैंपस मैनेजर और ट्रांसपोर्ट सुविधा शुरू की गई है
- स्कूल ऑफ एमिनेंस जैसे मॉडल स्कूलों की शुरुआत हुई है
- छात्रों को समय पर यूनिफॉर्म, किताबें और अन्य सुविधाएं मिल रही हैं
- अध्यापकों को विदेश में प्रशिक्षण देने और छात्रों को एक्सपोजर विजिट पर भेजने जैसी योजनाएं लागू की गईं हैं
मातृभाषा में पढ़ाई पर जोर
बैंस ने कहा कि चाइल्ड साइकोलॉजी के अनुसार यदि बच्चा अपनी मातृभाषा में पढ़ाई करता है तो वह दूसरे विषयों को भी बेहतर तरीके से समझता है। इसलिए सरकार ने पंजाबी भाषा में रीडिंग, लर्निंग और राइटिंग पर विशेष जोर दिया, जिसके काफी सकारात्मक नतीजे देखने को मिले हैं।
नशे से दूर हो रहे युवा, दाख़िलों में बढ़ोतरी
बैंस ने इस मौके पर एक और अहम बात कही। उन्होंने बताया कि राज्य में स्कूल-कॉलेजों में छात्रों की वापसी हो रही है। दाख़िलों में जबरदस्त इज़ाफा देखा जा रहा है और युवा नशे को छोड़कर पढ़ाई और भविष्य की ओर लौट रहे हैं। यह बदलाव समाज के लिए बहुत बड़ा संकेत है।
शिक्षक ही असली हीरो
बैंस ने इस सफलता का श्रेय राज्य के 1 लाख से ज्यादा सरकारी अध्यापकों, नॉन-टीचिंग स्टाफ, मिड-डे मील वर्कर्स, सिक्योरिटी गार्ड्स, और वर्तमान एवं पूर्व अधिकारियों को दिया। उन्होंने कहा कि अब शिक्षा विभाग की सिर्फ नकारात्मक खबरें नहीं, बल्कि सफलता की कहानियां सुर्खियां बन रही हैं।
अभी बाकी है मंज़िल…
मंत्री बैंस ने साफ किया कि अभी सरकार का लक्ष्य अधूरा है। राज्य के 20,000 स्कूलों को और बेहतर बनाना है। उन्होंने कहा,
“ये एक लंबा मिशन है, लेकिन हम इसे पूरा करने के लिए पूरी तरह समर्पित हैं। ये केवल शिक्षा नहीं, पंजाब के भविष्य को संवारने की बात है।”
पंजाब सरकार की यह पहल केवल एक सरकारी योजना नहीं, बल्कि एक जन आंदोलन की तरह सामने आई है। शिक्षा मंत्री हरजोत बैंस के नेतृत्व में पंजाब की शिक्षा व्यवस्था देशभर में नई मिसाल कायम कर रही है। यह बदलाव हर घर, हर गली और हर बच्चे तक पहुंचना चाहिए।
अपडेट्स शामिल:
- भारत सरकार की हालिया राष्ट्रीय रिपोर्ट का हवाला
- मिशन समर्थ की लेटेस्ट परफॉर्मेंस स्कोर
- नशे से दूर होते युवाओं का ज़िक्र
- स्कूलों में दाख़िलों में हो रही वृद्धि