लोगों को मिलेगा पक्का घर, बेहतर सुविधाएं और किसानों को मिलेगा आर्थिक लाभ व सुरक्षा
पंजाब सरकार की नई लैंड पूलिंग योजना को लेकर राज्य के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा है कि यह योजना पूरी तरह से किसान हितैषी और जनकल्याणकारी है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि किसी भी किसान से जबरदस्ती जमीन नहीं ली जाएगी, जमीन देना पूरी तरह स्वैच्छिक होगा।
चीमा ने बताया कि सरकार इस योजना के ज़रिए किसानों से आपसी सहमति से जमीन लेगी और बदले में उन्हें रिहायशी और कमर्शियल प्लॉट्स के रूप में अच्छा-खासा फायदा मिलेगा। इसके साथ-साथ किसानों को हर साल ₹50,000 प्रति एकड़ की सहायता राशि भी दी जाएगी, जब तक जमीन पूरी तरह विकसित नहीं हो जाती।
पिछली सरकारों पर साधा निशाना
हरपाल चीमा ने कहा कि कांग्रेस, अकाली दल और भाजपा की पिछली सरकारों के समय में हजारों अवैध कॉलोनियां बनाई गईं, जहां न तो सड़कें थीं, न बिजली, न पानी और न ही सीवरेज की सुविधा। लोगों को रजिस्ट्री कराने में भी भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
उन्होंने आरोप लगाया कि भू-माफिया और बिल्डरों ने नेताओं की मिलीभगत से करीब 30 हजार एकड़ जमीन पर कब्जा किया और अरबों रुपये का घोटाला किया। इस सब में आम जनता को भारी नुकसान हुआ, जबकि बिल्डर और नेता मालामाल हो गए।
लैंड पूलिंग योजना के फायदे
चीमा ने बताया कि इस नई योजना से किसानों और आम लोगों दोनों को फायदा मिलेगा:
- किसानों को:
- प्रति एकड़ 1000 गज रिहायशी प्लॉट
- 200 गज कमर्शियल प्लॉट
- हर साल ₹50,000 प्रति एकड़ की आर्थिक मदद (कम से कम 3 साल तक)
- जमीन की कीमत 4 गुना तक बढ़ने की संभावना
- सामाजिक सुरक्षा का लाभ
- आम लोगों को:
- सड़क, सीवरेज, बिजली, पानी जैसी सभी बुनियादी सुविधाएं
- कानूनी रूप से मान्य पक्का घर
- पब्लिक पार्क और अन्य सुविधाएं भी मिलेंगी
चीमा ने कहा कि यह योजना किसानों की मर्जी पर आधारित है और सरकार का मकसद उन्हें मजबूती देना है, न कि उन्हें कमजोर करना। पहले जैसे हालात अब नहीं होंगे, जब बिल्डर किसानों की जमीन औने-पौने दामों में जबरदस्ती खरीदते थे और बाद में उन्हें किसी तरह की मदद नहीं मिलती थी।
पंजाब सरकार की यह योजना एक सकारात्मक पहल है जो न सिर्फ किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाएगी, बल्कि आम लोगों को भी एक सुरक्षित और सुविधाजनक जीवन देने की दिशा में काम करेगी। अगर योजना को सही तरीके से लागू किया गया, तो यह पंजाब की शहरी और ग्रामीण विकास की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकती है।